सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक और ट्विटर पर 20 मिलियन ब्रिटिश पाउंड का फाइन लग सकता है. द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर फेसबुक और ट्विटर साइबर बुलिंग से निपटने में नाकाम रहे तो इन कंपनियों को फाइन देना पड़ सकता है.
ब्रिटेन के डिजिटल मिनिस्टर मैट हैंकॉक ने कथित तौर पर एक टेक कंपनियों के लिए यह ऐलान किया है जिससे फेसबुक और ट्विटर मुश्किल में आ सकते हैं. इस रिफॉर्म के तहत टेक कंपनियों को कथित तौर पर यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों के अकाउंट्स में डिफॉल्ट तौर पर जितनी ज्यादा कड़े नियम हों. प्राइवेसी ऐसी होनी चाहिए जिससे बच्चों को परेशान ना किया जाए.
हालांकि डिपार्टमेंट फॉर डिजिटल कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट जिसके हेड हैंकॉक हैं, उन्होंने इस बारे में अभी तक कोई भी बयान जारी नहीं किया है.
गौरतलब है कि फेसबुक पर साइबर बुलिंग काफी आम हो गई है और इसके पीड़ित कई बार फेसबुक लाइव के ही जरिए आत्महत्या भी कर लेते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मैट हैंकॉक ने कहा है कि फेसबुक और ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म को उम्र के लिहाज से सही बनाना होगा.
रिपोर्ट में जिस बिल की बात की गई है उस कोड में 16 साल से कम उम्र वाले बच्चों के लिए वेबसाइट और ऐप्स पर खास तरीके की सिक्योरिटी होनी चाहिए. कहा गया है कि बच्चों सेफ और ऑनलाइन सुरक्षित रहें इसलिए ऐसी जगह (फेसबुक) बनाना जरूरी है.
बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह जुर्माना सिर्फ फेसबुक और ट्विटर ही नहीं बल्कि दूसरे प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर लागू हो सकता है.
ब्रिटेन के डिजिटल मिनिस्टर मैट हैंकॉक ने कथित तौर पर एक टेक कंपनियों के लिए यह ऐलान किया है जिससे फेसबुक और ट्विटर मुश्किल में आ सकते हैं. इस रिफॉर्म के तहत टेक कंपनियों को कथित तौर पर यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों के अकाउंट्स में डिफॉल्ट तौर पर जितनी ज्यादा कड़े नियम हों. प्राइवेसी ऐसी होनी चाहिए जिससे बच्चों को परेशान ना किया जाए.
हालांकि डिपार्टमेंट फॉर डिजिटल कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट जिसके हेड हैंकॉक हैं, उन्होंने इस बारे में अभी तक कोई भी बयान जारी नहीं किया है.
गौरतलब है कि फेसबुक पर साइबर बुलिंग काफी आम हो गई है और इसके पीड़ित कई बार फेसबुक लाइव के ही जरिए आत्महत्या भी कर लेते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मैट हैंकॉक ने कहा है कि फेसबुक और ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म को उम्र के लिहाज से सही बनाना होगा.
रिपोर्ट में जिस बिल की बात की गई है उस कोड में 16 साल से कम उम्र वाले बच्चों के लिए वेबसाइट और ऐप्स पर खास तरीके की सिक्योरिटी होनी चाहिए. कहा गया है कि बच्चों सेफ और ऑनलाइन सुरक्षित रहें इसलिए ऐसी जगह (फेसबुक) बनाना जरूरी है.
बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह जुर्माना सिर्फ फेसबुक और ट्विटर ही नहीं बल्कि दूसरे प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर लागू हो सकता है.